१८०७ मोबलिंचीग का खतरा हो तो बचने की दुआ - Islamic Msg Official

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Tuesday, July 30, 2019

१८०७ मोबलिंचीग का खतरा हो तो बचने की दुआ

मोबलिंचीग का खतरा हो तो बचने की दुआ

आज का सवाल नंबर १८०७

मोबलिंचीग यानि कहीं हमें हिन्दू तोला मारने के लिए घेर ले तो उन के हमले से बचने के लिए क्या पढ़ना चाहिए ?

जवाब
حامدا و مصلیا مسلما

हज़रत अबू मूसा अशअरी रदिअल्लाहु अन्हु से रिवायात है के हुज़ूर ﷺ कभी किसी क़ौम-दुश्मन का खतरा होता तो ये दुआ पढते,

الھم انا نجعلک فی نحورھم و نعوذوبک من شرورھم

अल्लाहुम्मा इन्ना नज`अलुक फी नुहुरीहिम, व नऊज़ुबिक मीन शुरूरीहिम

अय अल्लाह ! हम दुश्मनो के मुकाबले में तुझे (यानि तेरी ताक़त और मदद को रखते है) और दुश्मनो से सर (हमले, नुक़्सान) से तेरी पनाह (हिफाज़त) चाहते है।)

मुस्लिम शरीफ़ जिल्द २, हदीस १५३७

इस के फ़ायदे के कसरत से वाक़िआत है, के अल्लाह तआला ने इस दुआ की बरक़त से दुश्मनो के दिलो में खौफ या रहम दाल दिया, और दुश्मनो के हमले से बच गए, या फसाद ज़ारी होने वक़्त आफ़ियत से गुज़र गए।

लिहाज़ा उस दुआ को खुद भी याद करे और अपने घर के तमाम अफ़राद को भी याद कराए।

و الله اعلم بالصواب

इस्लामी तारीख़
२७~ज़िलक़दह~१४४०~हिज़री

मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन.
उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

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