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السبت، 13 يوليو 2019

१७८९ हज़रत महदी रदि. की पेहचान हिस्सा १

हज़रत महदी रदि. की पेहचान हिस्सा १

आज का सवाल नंबर १७८९

मिर्ज़ा कादयानी ने कहा था के में मेहदी हूं, और शकील बिन हनीफ़ नामी शख्स भी दावा करता है के में मेहदी हूं।
तो हमें कैसे पता चले के असल मेहदी कोन है ?

जवाब
حامدا و مصلیا مسلما

अहादीस, सहाबा रदिअल्लाहु अन्हुम के आसार, और अक़्वाले ताबीइन, इन तमाम की रौशनी में हज़रत मेहदी रदिअल्लाहु अन्हु की सहीह पेहचान हो उस के लिए हमारे अकाबरीन ने उन के हालात लिखे है, जिन में से उन का नाम और नसब पेश किया जाता है।

आप का मुबारक नाम मुहम्मद होगा,
आप के वालिद का नाम अब्दुल्लाह होगा,
आप का ख़ानदानी तअल्लुक़ अहले बैत याने बनू हाशिम से होगा,
आप अपने वालिद की तरफ से हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम की साहबज़ादी हज़रत फ़ातिमा के बेटे हज़रत हसन रदिअल्लाहु अन्हु की अवलाद में से होंगे,
और वालिदा की तरफ से हज़रत हुसैन रदिअल्लाहु अन्हु शहीदे क़र्बला की अवलाद में से होंगे।

(ज़ुहूरे मेहदी कब, कहाँ, और किस तरह सफा ११३
बा हवाला अबू दाऊद २/५८९ हदीस नंबर ४२९९ वग़ैरा)

و الله اعلم بالصواب

इस्लामी तारीख़
०९~ज़िलक़दह~१४४०~हिज़री

मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन.
उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

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