किन जानवरों की क़ुरबानी जाइज़
आज का सवाल न. १८०२
जानवरों की ऐसी खामियां क्या है जिनके होने के बावजूद क़ुरबानी जाइज़ है ?
जवाब
حامدا و مصلیا و مسلما
इन जानवरों की क़ुरबानी जाइज़ हैः
१. जिसका सींग टूट गया हो लेकिन जड़-मुख से न टुटा हो.
२. ऐसा खस्सी या बूढ़ा जानवर जो जिमा-सोहबत न कर सकता हो.
३. ऐसी मादा जो बुढ़ापे की वजह से बच्चा न दे सकती हो.
४. बच्चे वाली मादा.
५ .ऐसी मादा जिसके आँचल का दूध कोई बीमारी या ऐब के बगैर खुश्क (सूखा) हो गया हो. (अगर बीमारी की वजह से खुश्क हो गया हो तो क़ुरबानी जाइज़ नहीं).
६. खांसी की बीमारी वाला जानवर.
७. दाम दिया हुवा जानवर
८. ऐसा काना जिसका कानापन बिलकुल ज़ाहिर न हो.
९. ऐसा लंगड़ा जो चल सकता हो यानी पेर ज़मीं पर टेकता और चलने में पेर का सहारा लेता हो.
१०. ऐसा बीमार जिसकी बीमारी ज़ाहिर न हो.
११. ऐसा जानवर जिसका उज़्व-अंग १/३ (३३%) या उससे कम कट गया हो.
१२. जिसके दांत न हो लेकिन घास-चारा खा सकता हो बशर्ते के यक़ीनी तोर पर उसकी क़ुरबानी की उमरर पूरी हो.
नॉट: बकरे के दांत सवा साल को आते है.
१३. ऐसा पागल जानवर जो घासचारा खा सकता हो.
१४. ऐसी खुजली वाला जानवर जो मोटा-तगड़ा हो.
१५. ऐसा जानवर जिसका कान चीरा गया हो यानि लम्बाई में चाहे पूरा कट गया हो या चौड़ाई में १/३ से कम कट गया हो.
१६. दोनों कान में थोड़ा थोड़ा कटा हो लेकिन दोनों का टोटल किया जाये तो १/३ से कम हो.
१७. रसोली (मस्से गाँठ) वाला जानवर.
फतावा रहीमियह ३/३८२ क़ुरबानी के मसाइल मुफ़्ती रफअत क़ासमी की
ऊपर ज़िक्र किये गए जानवरों की क़ुरबानी जाइज़ तो है लेकिन मकरूहे तंज़ीही है. (बेहतर और मुनासिब नहीं)
मुस्तहब ये है के क़ुरबानी का जानवर हर क़िस्म के ऐबों से पाक हो.
खुलासतुल फतावा ४/३२०
و الله اعلم بالصواب
इस्लामी तारीख़
२२~ज़िलक़दह~१४४०~हिज़री
मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन.
उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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