𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥's Post - Islamic Msg Official

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الجمعة، 15 مايو 2020

𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥's Post

ang li , Quresh Sardaaro ne Unki darkhwast qubool Kar li , unki madad ke liye Aadmi bhi diye aur Hathiyar bhi ,fir ye sab mil Kar ek Raat Achanak Bani Khaza per toot pade ,Wo log us Waqt befikri SE soye hue they, un Logo ne Bani Khaza ko be dardi SE qatl Karna shuru Kiya ,Bani Khaza ke Baaz Afraad jaane bachane ke liye waha'n SE bhaage aur ek makaan me ghus gaye ..Quresh ne Unhe waha'n bhi ja ghaira aur fir us Makaan me ghus Kar Unhe qatl Kiya ,

★_ Is Tarah Quresh ne Bani Bakar ki madad ke Silsile me is Tarah Suleh Naame ki dhajjiya'n uda di, Jab Ye Sab Kar bethe to Ahsaas hua k ye Humne Kiya kya ,Ab Wo Jama ho Kar Apne Sardaar Abu Sufiyaan ke paas Aaye aur Saara Waqia sun Kar Unhone Kaha :-
"_ Ye esa Waqia hai k Mai'n Agarche isme Shareek nahi Hu'n ,Lekin be Talluq bhi nahi raha aur Ye Bahut Bura hua ,Allah ki qasam ! Muhammad ( ﷺ) ab Humse Jung Zaroor karenge ..aur Mai'n tumhe bataye deta Hu'n..Meri Bivi Hinda ne Ek bahut Bhayanka Khwab dekha hai ,Usne dekha k Hujoon ki taraf se Khoon Ka Ek Dariya behta hua Aaya aur Khamdama tak pahunch gaya, Log us Dariya ko Dekh Kar sakht pareshan aur bad hawaas ho rahe Hai'n _,"

★_ Is per Quresh ne unse Kaha :- "_Jo Hona tha Wo to ho chuka , Ab Aap Muhammad ( ﷺ) ke paas Jaye'n aur unse Naye sire SE Mu'ahida Kare'n..Aap ke Siva ye Kaam koi nahi Kar Sakta _,"

*_ Seeratun Nabi ﷺ_Qadam Ba Qadam ( Writer- Abdullah Farani ) -Jild -2 Safa-229*
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*┱✿_ क़ुरेश की बद अहदी -१ _,*

★__ इस जंग ( मौता की जंग ) के बाद मक्का फतह हुआ ,यह गज़वा रमज़ान आठ हिजरी में पेश आया , हुजूर सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम और कुरेश के दरमियान हुदेबिया के मुकाम पर जो मुआहिदा हुआ था उसमें यह भी तय पाया था कि दूसरे अरब क़बीलों में से कोई क़बीला भी दोनों फरीक़ो में से किसी भी तरफ से इस सुलह नामे में शामिल हो सकता है यानी अगर कोई क़बीला रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की तरफ से इस मुआहिदे में शामिल होना चाहे तो वह ऐसा कर सकता है इस सूरत में वह उन शराइत का पाबंद होगा जिन के पाबंद कुरेश थे, इस शर्त की रू से बनी बकर का क़बीला कुरेश की तरफ से और बनी खज़ा का कबीला रसूलुल्लाह की तरफ से इस सुलह में शामिल हुआ , जबकि इन दोनों कबीलों में बहुत पुरानी दुश्मनी थी दोनों के दरमियान काफी क़त्लों गारत गिरी हो चुकी थी, खूंन के बदले बाकी थे... लेकिन इस्लाम की आमद ने उन दुश्मनियों को दबा दिया था।

★_ अब हुआ यह कि बनी बकर के एक शख्स ने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की शान में तोहीन आमेज़ शेर लिखें और उनको गाने लगा, बनी खजा के एक नौजवान ने उन अश'आर को सुन लिया, उसने बनी बकर के शख्स को पकड़कर मारा इससे वह जख्मी हो गया, इस पर दोनों क़बीले एक दूसरे के खिलाफ उठ खड़े हुए क्योंकि पुरानी दुश्मनी तो उनमें पहले से चलती आ रही थी ,

★_ बनी बकर ने साथ में कुरैश से भी मदद मांगी, कुरेशी सरदारों ने उनकी दरखास्त कुबूल कर ली उनकी मदद के लिए आदमी भी दिए और हथियार थी ,फिर यह सब मिलकर एक रात अचानक बनी खजा पर टूट पड़े, वह लोग उस वक्त बेफिक्री से सोए हुए थे उन लोगों ने बनी खज़ा को बेदर्दी से कत्ल करना शुरू किया ,बनी खज़ा के बाज़ अफराद जाने बचाने के लिए वहां से भागे और एक मकान में घुस गए.. क़ुरेश ने उन्हें वहां की जा घेरा और फिर उस मकान में घुसकर उन्हें कत्ल किया ।

★_ इस तरह क़ुरेश में बनी बकर की मदद के सिलसिले में उस सुलह नामे की धज्जियां उड़ा दी, जब यह सब कर बैठे तो एहसास हुआ कि यह हमने क्या किया, अब वह जमा होकर अपने सरदार अबू सुफियान के पास आए, सारा वाक़या सुनकर उन्होंने कहा :-
"_ यह ऐसा वाकि़या है कि मैं अगरचे इसमें शरीक नहीं हूं लेकिन बे ताल्लुक भी नहीं रहा और यह बहुत बुरा हुआ ,अल्लाह की क़सम मोहम्मद ( सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम) अब हमसे जंग जरूर करेंगे और मैं तुम्हें बता देता हूं.. मेरी बीवी हिन्दा ने एक बहुत भयानक ख्वाब देखा है उसने देखा है कि हुजून की तरफ से खून का एक दरिया बहता हुआ आया और खंदमा तक पहुंच गया लोग उस दरिया को देखकर सख्त परेशान और बदहवास हो रहे हैं _,"

★_इस पर क़ुरेश ने उनसे कहा :- "_ जो होना था , वह तो हो चुका, अब आप मोहम्मद (सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम) के पास जाएं और उनसे नए सिरे से मुआहिदा करें ..आपके सिवा यह काम कोई नहीं कर सकता _,"

*_ सीरतुन नबी ﷺ _ क़दम बा क़दम (मुसन्निफ- अब्दुल्लाह फारानी)- जिल्द-२ सफा- 229*
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*ʀєαd, ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd ,*
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  _ *𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥*
    http://IslamicMsgOfficial.blogs
By: via 𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥

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