𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥's Post - Islamic Msg Official

Ads 720 x 90

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Your Ad Spot

السبت، 23 مايو 2020

𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥's Post

a ho ,
Is Aam Maafi ke elaan ke bavjood 11 Aadmi ese they Jinke bare me Huzoor Akram ﷺ ne Hukm farmaya tha k inhe qatl Kar diya Jaye , Yaha'n tak k agar inme SE koi Khana Kaaba Ka Parda bhi Pakad Kar khada ho Jaye ,use bhi qatl Kiya Jaye ,inme Abdullah bin Abi Sarah bhi they ,Ye Hazrat Usman Raziyllahu Anhu ke Raza'i Bhai they ,ye baad me Musalman ho gaye they, isliye qatl nahi kiye gaye they , Doosre Ikrama bin Abu Jahal they ,Ye bhi baad me Musalman ho gaye they, Garz un 11 me SE zyadatar Musalman ho gaye they isliye qatl hone se bach gaye ,

★_ Us Roz Kuchh Mushriko ne muqabla Karne ki bhi Thaani ,Unme Safwaan bin Umayya, Ikrama bin Abu Jahal aur Suhail bin Amru shamil they, Ye log Apne Saathiyo'n ke Saath Khamdama ke Muqaam per Jama ho gaye,Khamdama Makka Muazzama Ka Ek pahaad hai ,In logo ke muqable ke liye Nabi Kareem ﷺ ne Hazrat Khaalid bin Waleed Raziyllahu Anhu ko bheja ,us muqable me 28 ke qareeb Mushrik maare gaye, baqi bhaag nikle ,

*_ Seeratun Nabi ﷺ_Qadam Ba Qadam ( Writer- Abdullah Farani ) -Jild -2 Safa-245,*
 ╨─────────────────────❥
*┱✿_ फतह मक्का _,*

★_ हजरत अब्बास रजियल्लाहु अन्हु ने ऐसा ही किया इस तरह तमाम क़बाईल हजरत अबू सुफियान रजियल्लाहु अन्हु के सामने से गुज़रे , जो क़बीला भी उनके सामने से गुजरता 3 मर्तबा नारा तकबीर बुलंद करता ,इस अज़ीम लश्कर को देखकर अबू सुफियान रज़ियल्लाहु अन्हु बोल उठे :- "_ अल्लाह की क़सम ! अबुल फ़ज़ल ! आज हमारे भतीजे की मुमलिकत बहुत जबरदस्त हो चुकी है _,"
जवाब में हजरत अब्बास रजियल्लाहु अन्हु ने फरमाया :- "_ यह सल्तनत और हुकूमत नहीं बल्कि नबूवत और रिसालत है_,"

★_ फिर जब नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम लोगों के क़रीब पहुंचे तो अबू सुफियान रजियल्लाहु अन्हु ने बुलंद आवाज में कहा :- "_ ऐ गिरोह क़ुरेश ! यह मोहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम अपना अज़ीमुश्शान लश्कर ले कर तुम्हारे सरो पर पहुंच गए हैं.. इसलिए जो मेरे घर में दाखिल हो जाएगा उसे अमान होगी_,"
यह सुनकर कुरेश कहने लगे :- "_क्या तुम्हारा घर हम सबके लिए काफी हो जाएगा ?_,"
अबू सुफियान रजियल्लाहु अन्हु ने जवाब दिया :- "_जो शख्स अपने घर का दरवाजा बंद कर लेगा उसे भी अमान है जो मस्जिद ए हरम में दाखिल हो जाएगा उसे भी अमान है और जो हकीम बिन हुज़ाम के घर में पनाह लेगा उसे भी अमान है और जो हथियार डाल देगा उसे भी अमान है_,"

★_ यह सुनते ही लोग दौड़ पड़े और जिसे पनाह की जो जगह भी मिल सकी वहां जा घुसे , इस तरह मक्का मुअज़्ज़मा जंग के बगैर फतह हुआ , यह तारीख इंसानियत का मुंफर्द वाक़िया है एक मगलूब क़ौम बगैर कश्त व खून के अपने जानी दुश्मनों पर गालिब आ गई और उसने कोई इंतकाम ना लिया हो ,
इस आम माफी के ऐलान के बावजूद 11 आदमी ऐसे थे जिनके बारे में हुजूर अकरम सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम ने फरमाया था कि इन्हें क़त्ल कर दिया जाए यहां तक कि अगर इनमें से कोई खाना काबा का पर्दा भी पकड़कर खड़ा हो जाए उसे भी क़त्ल किया जाए, इनमें अब्दुल्लाह बिन अबी सराह भी थे,यह हजरत उस्मान रजियल्लाहु अन्हु के रजा़ई भाई थे यह बाद में मुसलमान हो गए थे इसलिए कत्ल नहीं किए गए ,दूसरे इकरमा बिन अबी जहल थे यह भी बाद में मुसलमान हो गए थे , गर्ज़ इन 11 में से ज्यादातर मुसलमान हो गए थे इसलिए क़त्ल होने से बच गए।

★_उस रोज कुछ मुशरिकों ने मुकाबला करने की भी ठानी, उनमें सफवान बिन उमैया, इकरमा बिन अबी जहल और सुहेल बिन अमरू शामिल थे , यह लोग अपने साथियों के साथ खंदमा के मुकाम पर जमा हुए खंदमा मक्का मुअज्ज़मा का एक पहाड़ है, इन लोगों के मुकाबले के लिए नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने खालिद बिन वलीद रज़ियल्लाहु अन्हु को भेजा, इस मुकाबले में 28 के करीब मुशरिक मारे गए बाकी भाग निकले ।

*_ सीरतुन नबी ﷺ _ क़दम बा क़दम (मुसन्निफ- अब्दुल्लाह फारानी)- जिल्द-२ सफा- २४५,*
 ╨─────────────────────❥  
*ʀєαd, ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd ,*
 ╨─────────────────────❥
  _ *𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥*
  http://IslamicMsgOfficial.blogspot.com
 ╚═════════════┅┄ ✭✭


By: via 𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥

ليست هناك تعليقات:

إرسال تعليق

Post Top Ad

Your Ad Spot