R A M Z A N - M A S A 'I L PART— 11 - Islamic Msg Official

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Wednesday, May 6, 2020

R A M Z A N - M A S A 'I L PART— 11

╭ *﷽* ╮
*_𝐉𝐨𝐢𝐧 𝐓𝐞𝐥𝐞𝐠𝐫𝐚𝐦 𝐂𝐡𝐚𝐧𝐧𝐞𝐥_*
https://telegram.me/IslamicMsgofficial

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*▓ R A M Z A N - M A S A 'I L ▓*
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*PART— 11*
*❂ Mutafarrik Madail – 5 ❂*
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★ Kisi ne kankri ya lohe ka tukda ya koi esi cheez kha li jisko log nahi khaya karte aur na hi koi usko bator dava ke khata he, to uska roza jata raha lekin us per kaffara wajib nahi,
⇨Aur esi cheez khayi ya pi li jisko log khate peete ho ya koi esi cheez he k yu to nahi khate lekin bator dava ke zarurat ke waqt khate hai to bhi Roza jata raha aur Qaza or kaffara do no laazim he,

★ Aurat ko Haiz aa gaya ho to usko roza Tod dene se kaffara lazim nahi,
⇨ Roza Todne se kaffara jab hi laaZim he jabki Ramzan sharif me roza Tod dale aur Ramzan sharif ke siva aur kisi roza ke todne se kaffara wajib nahi hota chahe jis tarah tode, agarche roza Ramzan ki qaza hi kyu na ho,

★ Kisi ne roza me naas liya, kaan me tail dala ya julaab me amal liya aur peene ki dava nahi pi tab bhi Roza jata raha lekin sirf Qaza wajib he kaffara nahi, Agar kaan me paani dala to roza nahi gaya,

★ Aurto ka roza ki haalat me peshab ki jagah per dava rakhna ya tail vagera koi cheez daalna durust nahi, agar kisi ne dava rakh li to roza jata raha, qaza wajib he kaffara lazim nahi,

★ Apne moonh se chabakar chhote bachche ko koi cheez khilana makrooh he, albatta agar iski zarurat aur majboori v nachari ho to makrooh nahi,

★ Koyla chabakar daant manjna, manjan karna ya toothpaste se karna makrooh he aur agar is me se kuchh halaq me utar jaye to roza jata raha,

★ Miswaak se daant saaf karna durust he, chahe sukhi miswaak ho ya taazi usi waqt ki todi hui,, agar neem ki miswaak he aur uska kadapan moonh me maloom hota he tab bhi makrooh nahi,

⇨ RamZan ke mahine me agar kisi ka roza Toot gaya to roza Toot Jane ke baad bhi din me kuchh khana peena durust nahi, saara din rozadaro ki tarah rehna wajib he,

*⚀•RєԲ:➻┐Bahishti Zever,*

𝐃𝐨𝐰𝐧𝐥𝐨𝐚𝐝 𝐀𝐩𝐩
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*▓ र म जा़ न - म सा इ ल ▓*
*कि़श्त— 11*
*❂ मुतफर्रिक-५ ❂*

★_ किसी ने कंकरी या लोहे का टुकड़ा या कोई ऐसी चीज जिसको लोग नहीं खाया करते और ना ही कोई उसको बतौर दवा के खाता है तो उसका रोजा जाता रहा , लेकिन उस पर कफ्फारा वाजिब नहीं । और ऐसी खाई या पी ली जिसको लोग खाते पीते हो या कोई ऐसी चीज है कि यूं तो नहीं खाते लेकिन बतौर दवा के जरूरत के वक्त खाते हैं तो भी रोजा जाता रहा और कज़ा और कफ्फारा दोनों लाजिम है ।

★_औरत को हैज आ गया हो तो उसको रोजा तोड़ देने से कफ्फारा लाजिम नहीं ।
"_रोजा तोड़ने से कफ्फारा जब ही लाजिम है जबकि रमजान शरीफ में रोजा तोड़ डाले और रमजान शरीफ के सिवा और किसी रोजे के तोड़ने से कफ्फारा वाजिब नहीं होता चाहे जिस तरह तोड़े। अगरचे रोजा रमजान की कजा़ ही क्यों ना हो ।

★_ किसी ने रोजे में नास लिया कान में तेल डाला या जुलाब में अमल लिया और पीने की दवा नहीं पी तब भी रोजा जाता रहा। लेकिन सिर्फ कजा वाजिब है कफ्फारा नहीं। अगर कान में पानी डाला तो रोजा नहीं गया।

★_ औरतों का रोजे की हालत में पेशाब की जगह पर दवा रखना या तेल वगैरा कोई चीज डालना दुरुस्त नहीं अगर किसी ने दवा रख ली तो रोजा जाता रहा कजा़ वाजिब है कफ्फारा लाज़िम नहीं ।

★_ अपने मुंह से चबाकर छोटे बच्चे को कोई चीज खिलाना मकरूह है अलबत्ता अगर इसकी जरूरत और मजबूरी व नाचारी हो तो मकरूह नहीं ।

★_कोयला चबाकर दांत मांजना मंजन करना या टूथपेस्ट से करना मकरूह है और अगर इसमें से कुछ हलक में उतर जाए तो रोजा जाता रहा। मिस्वाक से दांत साफ करना तो दुरुस्त है चाहे सुखी मिस्वाक हो या ताजी उसी वक्त की तोड़ी हुई ।अगर नीम की मिस्वाक है और उसका कड़ापन मालूम होता है तब भी मकरुह नहीं।

★_ रमजान के महीने में अगर किसी का रोजा टूट गया तो रोजा टूट जाने के बाद भी दिन में कुछ खाना पीना दुरुस्त नहीं ‌।सारा दिन रोजा़दारो की तरह रहना वाजिब है ।

* बहिष्ती जे़वर _,*
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*𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥,*
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By: via 𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥

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