𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥's Post - Islamic Msg Official

Ads 720 x 90

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Your Ad Spot

الأربعاء، 13 مايو 2020

𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥's Post

tkaaf ki niyat 20 tareekh ke gurube aftaab se pehle kar leni chahiye, agar koi shakhs waqt per Masjid me dakhil ho gaya lekin usne Aitkaaf ki niyat nahi ki aur Suraj gurub ho gaya to fir niyat karne se Aitkaaf sunnat nahi hoga,

★10- Agar kisi ne pehle 2 ashro me Roze nahi rakhe ho ya taraveeh na padhi ho to wo bhi Aitkaaf kar sakta he,

★11- Jis shakhs ke badan se badbu aati ho ya esa marz ho jiski vajah se log tang ho to esa shakhs Aitkaaf me na bethe,⇨Albatta agar badbu thodi ho Jo khushbu vagera se door ho jaye aur logo ko takleef na ho to jaa’iz he,

✯—————————————✯

*✺ एतिकाफ ए सुन्नत ✺*

★_ एतिकाफ ए सुन्नत वो है जो सिर्फ रमजान मुबारक के आखिरी अशरे में किया जाता है। मसाइले एतिकाफ सुन्नत :-

१_रमजान के सुन्नत एतिकाफ का वक्त 20 वा रोज़ा पूरा होने के दिन गुरुबे आफताब से शुरू होता है और ईद के चांद नजर आने तक रहता है मौतकिफ को चाहिए कि वह 20 वा दिन गुरुबे आफताब से पहले एतिकाफ वाली जगह पहुंच जाए ।
२_यह एतिकाफ सुन्नते मौक़दा अलल किफाया है यानी बड़े शहरों के मोहल्ले की किसी एक मस्जिद में और गांव देहात की पूरी बस्ती की किसी एक मस्जिद में कोई एक आदमी भी एतिकाफ करेगा तो सुन्नत सबकी तरफ से अदा हो जाएगी ।अगर कोई भी एतिकाफ ना करें तो सब गुनहगार होंगे।
३_ जिस मोहल्ले या बस्ती में एतिकाफ किया गया है उस मोहल्ले और बस्ती वालों की तरफ से सुन्नत अदा हो जाएगी अगरचे एतिकाफ करने वाला दूसरे मोहल्ले का हो ।
४_आखिरी अशरे के चंद दिन का एतिकाफ एतिकाफे निफली है सुन्नत नहीं ।

५_औरतों को मस्जिद की बजाए अपने घर में एतिकाफ करना चाहिए ।
६_सुन्नते एतिकाफ की दिल में इतनी नियत काफी है कि मैं अल्लाह की रज़ा के लिए रमजान के आखिरी अशरे का मसनून एतिकाफ करता हूं ।
७_किसी शख्स को उजरत देकर एतिकाफ में बैठाना जायज नहीं।
८_ मस्जिद में 1 से ज्यादा लोग एतिकाफ करें तो सबको सवाब मिलता है ।

९_मसनून एतिकाफ की नियत 20 तारीख के गुरुबे आफताब से पहले कर लेनी चाहिए अगर कोई शख्स वक्त पर मस्जिद में दाखिल हो गया लेकिन उसने एतिकाफ की नियत नहीं की और सूरज गुरुब हो गया तो फिर नियत करने से एतिकाफ सुन्नत नहीं होगा।
१०_ अगर किसी ने पहले दो अशरों में रोजा नहीं रखे हैं या तरावीह ना पढ़ी हो तो वह भी एतिकाफ कर सकता है।
११_ जिस शख्स के बदन से बदबू आती हो या ऐसा मर्ज हो जिसकी वजह से लोग तंग हो तो ऐसा शख्स एतिकाफ में ना बैठें। अलबत्ता अगर बदबू थोड़ी हो जो खुशबू वगैरह से दूर हो जाए और लोगों को तकलीफ ना हो तो जायज़ है

○═┅═┅═┅═┅═┅═┅═┅═┅○

*✷PART-08✷*
✯—————————————✯

*✺ Aitkaafe Masnoon Ki Sharayat ✺*

⇨Aitkaafe masnoon ke sahi hone ke liye ye cheeze zaruri he’n: –

★ 1- Musalman hona,

★ 2- Aaqil hona,

★ 3- Aitkaaf ki niyat karna,

★ 4- Mard ka Masjid me Aitkaaf karna,

★ 5- Mard aur Aurat ka janabat yani gusl waajib hone wali haalat se paak hona, lihaza agar koi shakhs haalate janabat me Aitkaaf shuru kar de to Aitkaaf to ho jayega lekin ye shakhs gunahgaar hoga,

★6- Aurat ka haiz v nifaas se khali hona,

★7- Roze se hona, agar Aitkaaf ke dauran koi ek Roza na rakh sake ya kisi vajah se Roza toot jaye to Aitkaaf masnoon bhi toot jayega,
✯—————————————✯

*✺ एतिकाफ ए मसनून की शरायत ✺*

★_ एतिकाफ ए मसनून के सही होने के लिए यें चीजें ज़रूरी है :-

१_मुसलमान होना।
२_ आक़िल होना।
३_ एतिकाफ की नियत करना।
४_ मर्द का मस्जिद में एतिकाफ करना ।
५_मर्द और औरत का जनाबत यानी गुस्ले वाजिब होने वाली हालत से पाक होना , लिहाज़ा अगर कोई शख्स हालते जनाबत में एतिकाफ शुरू कर दे तो एतिकाफ तो हो जाएगा लेकिन यह शख्स गुनहगार होगा।
६_ औरत का हैज व निफास से खाली होना।
७_ रोजे से हो ना अगर एतिकाफ के दौरान कोई एक रोज़ा ना रख सके या किसी वजह से रोज़ा टूट जाए तो एतिकाफ मसनून भी टूट जाएगा ।

○═┅═┅═┅═┅═┅═┅═┅═┅○

*✷PART-09✷*
✯—————————————✯

*✺ Aitkaaf Ki Haalat me Jaa’iz Kaam ✺*

★ 1- Khana peena ( Basharte k masjid ko ganda na kiya jaye )

★ 2- Sona,

★ 3- Zarurat ki baat karna,

★ 4- Apna ya doosre ka Nikaah ya koi aur Aqd karna,

★ 5- Kapde badalna,

★6- Khushbu lagana,

★7-Tail lagana,

★8- Kanghi karna (Basharte k masjid ki chatai aur qaaleen vagera kharab na ho ),

★9- Masjid me kisi mareej ka muaena karna, nuskha likhna ya dava dena, lekin ye kaam bager ujrat ke ho to jaa’iz he varna makrooh he,

★ 10- Bartan dhona,

★ 11- Zaruriyaat Zindgi ke liye khareed farokht karna Basharte k sauda masjid me na
By: via 𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥

ليست هناك تعليقات:

إرسال تعليق

Post Top Ad

Your Ad Spot