.Tamaam Ka Tamaam Bagaat se bhara hua tha ,
*_ Seeratun Nabi ﷺ_Qadam Ba Qadam ( Writer- Abdullah Farani ) -Jild -2 Safa-274,*
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*┱✿_ गज़्वा तबूक _4,*
सफर जारी था कि हज़रत अबूज़र गफारी रज़ियल्लाहु अन्हु का ऊंट थक गया जब किसी तरह चलने के लिए तैयार ना हुआ तो तंग आकर हजरत अबूज़र रज़ियल्लाहु अन्हु ने सामान उस पर से उतार कर अपने सर पर रख लिया और पैदल चल पड़े, यहां तक कि आन हजरत सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम तक पहुंच गए ।
लोग आप सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम को पहले ही खबर दे चुके थे कि अबूज़र पीछे रह गए हैं क्योंकि उनका ऊंट थक गया है , यह सुनकर आप सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया :- उसे उसके हाल पर छोड़ दो.. अगर अबूज़र में कोई खैर है अल्लाह ताला उसे तुम तक पहुंचा देगा और अगर खैर के बजाय बुराई है तो समझ लो अल्लाह ने तुम्हें उससे अमन दे दिया _,"
★_ फिर लोगों ने दूर से किसी को आते देखा तो आन हजरत सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम को इत्तेला दी, आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया :- अबूज़र होंगे , अल्लाह उन पर रहमत फरमाए अकेले ही पैदल चले आ रहे हैं अकेले ही मरेंगे ( यानी उनकी मौत वीराने में होगी) और अकेले ही दोबारा ज़िंदा होकर क़यामत में उठेंगे _,"
★_ हजरत अबूज़र गफारी रज़ियल्लाहु अन्हु के बारे में आन हजरत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तरफ से पेशगोई लफ्ज़ बा लफ्ज़ पूरी हुई , हजरत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु के ज़माने में वह रबज़ह के वीरान मुकाम पर चले गए थे ..वहीं उनकी मौत वाक़े हुई थी,
आखिर इस्लामी लश्कर ने तबूक के मुका़म पर पहुंचकर पड़ाव डाला , वहां पहुंचकर मालूम हुआ कि तबूक के चश्मे में पानी बहुत कम है लश्कर की जरूरत उससे पूरी नहीं हो सकती, आन हजरत सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम ने उसमें से अपने दस्ते मुबारक में पानी लिया और उसको मुंह में लेकर वापस चश्मे के दहाने पर कुल्ली कर दी , चश्मा उसी वक्त उबलने लगा और पूरा भर गया, इस तरह सब ने पानी से सैराबी हासिल की।
★_ यह इलाका़ उस वक्त बिलकुल बंजर था उस मौक़े पर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम ने हजरत मुआज़ रज़ियल्लाहु अन्हु से इरशाद फरमाया :- ऐ मुआज़ ! अगर तुम्हारी उम्र ने वफा की तो तुम देखोगे यह इलाका बागो बहार बन जाएगा _,"
यानी गर्दो पेश की यह सरज़मीन बागात वाली नज़र आएगी, मोरखा अल्लमा इब्ने अब्द अलबर उंदलुस लिखते हैं कि मैंने वह इलाका देखा था ..तमाम का तमाम बागात से भरा हुआ था ।
*_ सीरतुन नबी ﷺ _ क़दम बा क़दम (मुसन्निफ- अब्दुल्लाह फारानी)- जिल्द-२ सफा- 274,*
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*ʀєαd, ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd ,*
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*_𝐉𝐨𝐢𝐧 𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐓𝐞𝐥𝐞𝐠𝐫𝐚𝐦 𝐂𝐡𝐚𝐧𝐧𝐞𝐥_*
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By: via 𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥
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Tuesday, June 9, 2020
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