*جائز و ناجائز کھیل*
⭕آج کا سوال نمبر ۳۰۹۶⭕
لڑکوں کو اسلامی نقطہ نظر سے کون سے کھیل کھیلنا چاہیے؟
🔵جواب🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
خیری کے جائز ہونے کی شرائط درج ذیل پیش کیے جاتے ہیں..
۱, ایسے کھیل کھیلنا بہتر ہے کہ جن سے جسمانی ورزش ہوتی ہو اور صحت پر مفید اثر پڑتا ہو، صرف ٹائم پاس اور لہو لعب و تماشا کرنا مقصود نہ ہو،
۲, کھیل میں اس کی رعایت ضروری ہے کہ ستر ڈھاکہ ایسے لباس پہنے جائیں مردوں کے لیے ناف سے پورے گھٹنے تک کا حصہ ستر ہے.
۳, یہ بھی ضروری ہے کہ کھلاڑیوں کے درمیان آپس میں جیت ہار پر کوئی شرط نہ ہو ورنہ جواں ہونے کی وجہ سے یہ کھیل حرام ہوگا..
۴, ایسا کھیلنا ہو جس میں آدمی گھنٹوں اور دنوں کھیلتا رہے جیسے سطرنج کرکٹ وغیرہ جس کی مشغولی سے انسان اپنے فرائض سے غافل ہو جاتا ہے آج کا تاش لوڈو وغیرہ ایسے ہی کھیل ہے۔
📕 کتاب الفتاوی ۶/۱۵۹
جمیعت العلوم الاسلامیہ بنوری ٹاؤن فتوی نمبر 144203200036سے ماخوذ
واللہ اعلم بالصواب
*✍🏻 مفتی عمران اسماعیل میمن حنفی*
*🕌استاذ دارالعلوم رامپورا سورت گجرات ہند*
🗒 کلینڈر 🗒
🌙 ۲۵۔۔۔۔۔۔۔جمادی الثانی
🌴 ۱۴۴۴۔۔۔۔۔۔۔ہجری
☀️۱۸.... جنوری..۲۰۲۳
دن.... بدھ
مسائل لنک
https://T.me/IslamicMsgOfficial
*🏏🏸🏑JAIZ WA NA-JAIZ KHEL🎲🎯🎳*
*⭕AAJ KA SAWAL No.3096⭕*
Ladkon ko islami nuqta e nazar se kon se khel khelna chahiye ???
*🔵JAWAB🔵*
حامدا و مصلیا مسلما
Khel ke jaiz hone ke sharaait niche pesh kiye jate hai.
1. Aese khel khelne behter hain ke
Jinse jismani warzish (exercise) hoti ho, aur sihat par mufeed asar padta ho, sirf time pass aur lahv laib (sirf Dil behlana aur tamasha karna maqsood na ho)
2. Khel me iski riaayat zaruri hai ke satar dhake aesa libas pehena jaye, mardon ke liye naaf se pure ghutne tak ka hissa satar hai.
3. Ye bhi zaruri hai ke khiladiyon ke darmiyan aapas me Jeet haar par koi shart na ho, warna juwa hone ki wajah se ye khel haram hoga.
4. Aisa khel na ho jis me aadmi ghanto aur dinon khelta rahe, jese shatranj, cricket wagaira jis ki mashgooli se insan apne faraiz- zimmedariyon se gafil ho jata hai. aaj ka taash, Ludo, wagerah aise hi khel hain.
و الله اعلم بالصواب
📘KITABUL FATAWA
6/159
🗃️JAMIATUL ULOOMUL ISLAMIA BINORIA TAWUN FATWA NO. 144203200036 SE MAKHOOZ
✍🏻 Mufti Imran Ismail Memon Hanafi
🕌 Ustaze Darul Uloom,
Rampur Surat, Gujarat, India
*🏏🏸🏑ज़ाइज व नाजाइज़ खेल🎲🎯🎳*
*⭕आज का सवाल नंबर ३०९६⭕*
लड़कों को इस्लामी नुक़्ता ए नज़र से कौन से खेल खेलना चाहिए ???
*🔵जवाब🔵*
حامدا و مصلیا مسلما
खेल के जाइज़ होने के शराइत निचे पेश किये जाते है।
१. ऐसे खेल खेलने बेहतर हैं के
जीनसे जिस्मानी वर्ज़िश (एक्सरसाइज) होती हो, और सिहत पर मुफ़ीद असर पडता हो, सिर्फ टाइम पास और लहव लईब (सिर्फ दिल बहलाना और तमाशा करना मक़सूद न हो)
२. खेल में इसकी रिआयत ज़रूरी है के सतर ढांके ऐसा लिबास पेहेना जाये, मरदों के लिए नाफ से पुरे घुटने तक का हिस्सा सतर है।
३. ये भी ज़रूरी है के खिलाडियों के दरमियान आपस में जीत हार पर कोई शर्त न हो , वरना जुवा होने की वजह से ये खेल हराम होगा।
४. ऐसा खेल न हो जिसमें आदमी घंटो और दिनों खेलता रहे, जैसे शतरंज, क्रिकेट वग़ैरा,
जिस की मशग़ूली से इंसान अपने फ़राइज़- ज़िम्मेदारीयों से ग़ाफ़िल हो जाता हे, आज का ताश, लुडो, वगेरा ऐसे ही खेल है।
📘किताबुल फ़तावा
६/१५९
🗃️जमीअतुल उलूमुल इस्लामिआ बिनोरिअ तआवुन फतवा नंबर १४४२०३२०००३६ से माखूज़
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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*⭕आज का सवाल नंबर ३०९६⭕*
लड़कों को इस्लामी नुक़्ता ए नज़र से कौन से खेल खेलना चाहिए ???
*🔵जवाब🔵*
حامدا و مصلیا مسلما
खेल के जाइज़ होने के शराइत निचे पेश किये जाते है।
१. ऐसे खेल खेलने बेहतर हैं के
जीनसे जिस्मानी वर्ज़िश (एक्सरसाइज) होती हो, और सिहत पर मुफ़ीद असर पडता हो, सिर्फ टाइम पास और लहव लईब (सिर्फ दिल बहलाना और तमाशा करना मक़सूद न हो)
२. खेल में इसकी रिआयत ज़रूरी है के सतर ढांके ऐसा लिबास पेहेना जाये, मरदों के लिए नाफ से पुरे घुटने तक का हिस्सा सतर है।
३. ये भी ज़रूरी है के खिलाडियों के दरमियान आपस में जीत हार पर कोई शर्त न हो , वरना जुवा होने की वजह से ये खेल हराम होगा।
४. ऐसा खेल न हो जिसमें आदमी घंटो और दिनों खेलता रहे, जैसे शतरंज, क्रिकेट वग़ैरा,
जिस की मशग़ूली से इंसान अपने फ़राइज़- ज़िम्मेदारीयों से ग़ाफ़िल हो जाता हे, आज का ताश, लुडो, वगेरा ऐसे ही खेल है।
📘किताबुल फ़तावा
६/१५९
🗃️जमीअतुल उलूमुल इस्लामिआ बिनोरिअ तआवुन फतवा नंबर १४४२०३२०००३६ से माखूज़
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.