तक़दीर पर ईमान का तक़ाज़ा
आज का सवाल १९६०
तकदीर पर ईमान लाने का क्या तक़ाज़ा है ?
जवाब
حامدا و مصلیا مسلما
हर नापसंद चीज़ और नुक़्सान से बचने के अस्बाब इख़्तियार करे, और नुक़्सान से बचने की पूरी कोशिश करे।
फिर भी नुक़्सान हो जाये तो परेशान न हो, यूँ समझे यही मेरे मुक़द्दर में था।
अल्लाह हमारा मालिक है, हमें उस के फैसले पर राज़ी रहना वाजिब है। यही तकदीर पर ईमान का तक़ाज़ा है।
ईस्लामी अक़ाइद सफा ३९
و الله اعلم بالصواب
हिजरी तारीख़ : ०५ / जमादीउल अव्वल ~ १४४१ हिजरी
मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा व सेक्रेटरी जमीयते उलमा सूरत शहर, गुजरात, इंडिया
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