*_ بسمہ سبحانه وتعالیٰ_*
*◐ _Ranj v Gam Ke Halaat _◐*
*(Kaise Guzare'n)*
*_((Part No 06))_* *
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*◐☞ 2-Masa'ib v Takaaleef Ko Sabr v Sukoon Ke Saath Bardaasht Kijiye-2 _,*
*❖_Hazrat Abu Musa Ash'Ari Raziyallahu Kehte Hai'n K Nabi E Kareem ﷺ Ne Irshad Farmaya Jab Kisi Bande Ka Koi Bachcha Marta Hai To khuda Apne Farishto Se Puchta Hai_*
*"_Kya Tumne Mere Bande Ke Bachche Ki Jaan Qabz Karli ? Wo Kehte Hai'n- Haa'n, Phir Wo Unse Puchta Hai -To Mere Bande Ne Kya Kaha ? Wo kehte Hai'n- is Musibat Me Usne Teri Hamd Ki " Inna Lillahi V Inna ilaihi Raji'uon" Padha ,*
*To Khuda Unse Farmata Hai -Mere is Bande Ke Liye Jannat Me Ek Ghar Tameer Karo Aur Uska Nam Baitul Hamd (Shukar Ka Ghar )Rakho_*
*ترمزی ابواب الجنائز 1021*
*◐☞_3-Kisi Bhi Haadse Par Sabar V Shukar Ka Daaman Haath Se Chhootne Na Paye _*
*❖_Kisi Takleef Aur Haadse Par Izhaar E Gam Ek Fitri Amr Hai, Albatta Is Baat Ka Pura Pura Khayal Rakhiye K Gam Ki Intehaayi Shiddat Me Bhi Zaban Se Koi Na Haq Baat Na Nikle Aur Sabr V Shukr Ka Daaman Haath Se Chhootne Na paye_*
*❖_Nabe E Kareem ﷺ Ke Sahaabzade Hazrat Ibrahim Raziyallahu Anhu Nabi ﷺ Ki God Me The Aur Jaa'n Kani Ka Aalam Tha, Ye Riqqat _Angez Manzar Dekh Kar Nabi ﷺ Ki Mubarak Aankho'n Se Aa'nsu Tapakne Lage Aur Farmaya- Ey Ibrahim Hum Teri Judayi SE Magmoom Hai'n Magar Zaban Se Wahi Niklega Jo Parwardigar Ki Marzi Ke Mutabiq Hoga*
* بخاری کتاب الجنائز باب قؤل النبی انابک لمحزونون 1303*
* Madni Muaashra_ (Jild No -1-Safa No 146)_*
*Hazrat Molana Yunus Sahab Palanouri Damat Aaliya*
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*◐ रंज व गम के हालात कैसे गुज़ारें ◐*
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*◐☞ मसाइब व तक़लीफ को सब्र व सुकून के साथ बर्दाश्त कीजिए-२ ◐*
*❖_ हजरत अबू मूसा अश'अरी रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि नबी करीम सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया :- "_जब किसी बंदे का कोई बच्चा मरता है तो खुदा अपने फरिश्तों से पूछता है क्या तुमने मेरे बंदे के बच्चे की जान कब्ज कर ली ? वह कहते हैं हां , फिर वह उनसे पूछता है तुमने उसके जिगर के टुकड़े की जान निकाल ली? वह कहते हैं हां , फिर वह उनसे पूछता है तो मेरे बंदे ने क्या कहा ? वह कहते हैं उस मुसीबत में उसने तेरी हम्द की और इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन पढ़ा,*
*"तो खुदा उनसे फरमाता है- मेरे उस बंदे के लिए जन्नत में एक घर तामीर करो और उसका नाम बैतूल हम्द (शुक्र का घर )रखो_,"* *(तिर्मीजी़ 1021)*
*◐☞ 3-किसी भी हादसे पर सब्र व शुक्र का दामन हाथ से छूटने ना पाए_,*
*❖_किसी तकलीफ़ और हादसे पर इजहार एक फितरी अम्र है अलबत्ता इस बात का पूरा पूरा ख्याल रखें कि गम की इंतेहाई शिद्दत में भी ज़ुबान से कोई नाहक बात ना निकले और सब्र व शुक्र का दामन हाथ से छूटने ना पाए ।*
*❖_नबी करीम सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम के साहबजादे हजरत इब्राहीम रज़ियल्लाहु अन्हू नबी सल्लल्लाहु अलेही सल्लम की गोद में थे और जांकनी का आलम था यह रिक़्क़त अंगेज़ मंजर देखकर नबी करीम सल्लल्लाहु अलेही सल्लम की आंखों से आंसू टपकने लगे और फरमाया- इब्राहीम हम तेरी जुदाई से मगमूम है मगर जुबान से वही निकलेगा जो परवरदिगार की मर्जी के मुताबिक होगा _,"* *(बुखारी -1303 )*
* मदनी माशरा -146, हजरत मौलाना युनुस साहब पालनपुरी दा. _,*
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*Mohataj E Dua*
*Qari Abdus Samee Gufiralahu*
*_𝐼𝓈𝓁𝒶𝓂𝒾𝒸 𝑀𝓈𝑔 𝒢𝓇𝓅_*
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*ʀєαd, ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd ,*
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