*बीवी के ज़िम्मे शौहर के हुक़ूक़*
आज का सवाल नंबर २९६२
बीवी के ज़िम्मे शौहर के क्या क्या हुक़ूक़ व आदाब है?
जवाब
حامدا و مصلیا و مسلما
बीवी के ज़िम्मे शौहर के जो हुक़ूक़ वा आदाब हैं वह हसबे ज़ैल है।
१. बीवी का अपने शौहर के हुक्म को मानना।
२. शौहर की ख़िदमत करना।
३. शौहर के घर में शौहर की इजाज़त के बगैर किसी को दाखील न करना।
४. शौहर के माल को उसकी इजाज़त के बगैर कहीं भी ईस्तिअमाल न करना ईसी तरह इसराफ़ न करना।
५. शौहर की इजाज़त के बगैर उस की मवजूदगी में नफली रोज़ा न रखना।
६. मिया बीवी का एक दूसरे की कोताही व कमी से चश्मपोशी-लेटगो करना।
७. एक दूसरे के बुरे सुलूक़ पर सब्र करना।
८. क़नाअत इख़्तियार करना (जो कुछ मिल जाये उस पर संतोष-बस करना)
९. शौहर की नाशुक्री ना करना।
१०. शौहर की गुफ़्तगू-बात के वक़्त खामोश रहना।
११. शौहर के घरवालों का इकराम करना।
१२. अपने पड़ोसियों से कम से कम बातचीत करना।
१३. अपने शौहर के दोस्तों के सामने अपनी पेहचान न करवाना, बल्के जो पेहचानता हो उसके सामने भी अजनबीयत इख़्तियार करना।
१४. पुरी तवज्जुह अपनी इसलाह, घर के इंतिज़ाम और नमाज़ रोज़े की पाबन्दी की तरफ करना।
१५. शौहर के सामने जेबो ज़ीनत के साथ बन सँवर कर रेहना।
१६. शौहर को देखते वक़्त ख़ुशी का इज़हार करना।
१७. उस से क़रीब होने के मोके पर मुहब्बत का इज़हार करना।
१८. (अगर उज़्र न हो तो) औरत का सोहबत से इंकार न करना।
१९. मियाँ बीवी की मिलन की बातों को दुसरों के सामने बयान न करना।
२०. शौहर के निकलते वक़्त दरवाज़े तक साथ जाना।
२१. औरत का किसी बड़ी वजह के बगैर तलाक का मुतालेबा न करना।
२२. शौहर को हर जायज तरीके से खुश रखने की कोशिश करना।
२३. शौहर के ऐब और राज़ किसी के सामने न खोलना।
२४. बच्चों की अच्छी तरबियत करना।
सुननोआदाब सफा २६८
कामयाब इज़दीवाजी जिंदगी के सुनहरे उसूल सफा २९९,३००
و الله اعلم بالصواب
*नॉट: ये मेसेज अपनी तमाम मेहरम औरतों को पढ़ कर ज़रूर सुनाये*
मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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Saturday, September 3, 2022
𝐈𝐬𝐥𝐚𝐦𝐢𝐜 𝐌𝐬𝐠 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥's Post
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